June 8, 2025

*विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सीएम योगी ने किया कृषकों से संवाद*

*लैब से लैंड पर जाकर किसानों से संवाद नई क्रांति की शुरुआत*

*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत अलग-अलग जनपदों के किसानों से किया संवाद*
*औरैया।* अजीतमल में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लैब, आईसीआर, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र व अन्य संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिक पहली बार लैंड पर जाकर किसानों के साथ कृषि की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कार्य कर रहे है और आगे भी करते रहेंगे। विकसित कृषि संकल्प अभियान का उद्देश्य लैब से लैंड तक जाना है। कृषि वैज्ञानिक लैब के साथ ही लैंड पर भी जाएंगे और किसानों से संवाद करेंगे। यह संवाद कृषि क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत करेगा। लैब में जो भी काम हो रहे हैं, वह धरातल पर दिखना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार जताया। किसानों को विकसित भारत का आधार बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए पीएम मोदी ने जो विजन दिया है, कृषि उसकी आधारशिला बनेगी। कृषि के माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में क्या कदम उठाया जा सकता है। इस पर कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारी-कार्मिक, औद्यानिक फसल, खेती, डेयरी, मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को खेती के बारे में आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस अभिनव पहल के तहत वैज्ञानिक क्लाइमेटिक जोन को देखेंगे और किसानों को बीज व वेरायटी का प्रोडक्शन पर क्या असर पड़ता है, इसकी भी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 वर्ष के अंदर यूपी में डबल इंजन सरकार ने किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के अभियान को अपने हाथों में लिया। यूपी में कृषि के लिए बहुत स्कोप है। सीएम ने पिछली सरकारों पर आरोप लगाया कि किसान उनके सरकार के एजेंडे का हिस्सा नहीं बन पाया था। किसान को बीज, एमएसपी का दाम, समय पर खाद्य, खेत के लिए पानी, तकनीक, स्वायल हेल्थ की व्यवस्था नहीं थी। लागत कम, उत्पादक अधिक पर जोर नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी पीएम मोदी के शीर्ष एजेंडे में है। देश में 11 वर्ष के अंदर खेती-किसानी के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन हुआ है। उन्होंने स्वायल हेल्थ कार्ड का अभियान चलाया। किसानों को पीएम कृषि बीमा योजना, पीएम कृषि सिंचाई योजना, एमएसपी, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है।यह अन्नदाता किसान के जीवन में आए परिवर्तन का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहाकि यूपी में सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी हुई। 15 लाख किसानों के व्यक्तिगत ट्यूबवेल के कनेक्शन फ्री किए गए। राज्य सरकार प्रतिवर्ष ढाई हजार करोड़ रुपये जमा करती है। सरयू नहर परियोजना के माध्यम से पूरा करते हुए डबल इंजन सरकार ने प्रदेश में अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार यूपी में कृषि विज्ञान केंद्र को लागू नहीं करना चाहती थी, लेकिन जैसे ही सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री बने, उन्होंने 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र को लाने में सफलता प्राप्त की। आज 89 कृषि विज्ञान केंद्र कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के अंदर कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से नई तकनीक, बीज की जानकारी किसानों को दी जा रही है। कृषि विवि भी इनोवेशन और कृषि के क्षेत्र में रिसर्च एंड डवलपमेंट के नए केंद्र के रूप में उभरे हैं। उनकी नई गति प्रदेश की प्रगति में सहायक हो रही है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि किसान अपनी आय को बढ़ा रहा है। 2017 के पहले सुनने को मिलता था कि किसान को पर्ची नहीं मिली तो उसने खेत में आग लगा दी। किसान को वर्षों से गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होता था। वह मजबूर होकर फसल में आग लगा देता था। किसान का आक्रोश सरकार की स्थिति को बयां कर देता था।
इस दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही,कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला, विधायक गुड़िया कठेरिया, पूर्व सांसद राम शंकर कठेरिया, सर्वेश कठेरिया जिला अध्यक्ष, पूर्व जिला अध्यक्ष भवन प्रकाश गुप्ता, श्रीराम मिश्रा, अजय सिंह चौहान, रिया शाक्य, नीरज गौतम, रिचा राजपूत आदि मौजूद रहें।
*अन्नदाता किसानों को दिया प्रमाण पत्र*
सीएम योगी आदित्यनाथ ने नारायणी देवी को मिनी बीज किट, राजेश दीक्षित को कस्टम हाउसिंग सेंटर के लिए 2 लाख का चेक, रिशु कुमार को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 5 लाख का चेक, सुमन को आवास स्वीकृत पत्र, गुड्डी देवी को 10 लख रुपए का चेक पंचायत कल्याण कोष की स्थापना के लिए, कांति देवी को 5 लाख का कृषक दुर्घटना बीमा का चेक और मानसिंह को घरौनी प्रमाण पत्र प्रदान किया।

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