*श्री मद्भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनकर श्रद्धालु हुए भावविभोर*


कस्बे के सुप्रसिद्ध अस्तल धाम मंदिर में श्री 1008महंत सहजानंद की यादगार में सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन वृंदावन धाम से पधारे आचार्य अर्पण त्रिवेदी जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. इस दौरान कथा पंडाल में प्रसिद्ध भजन नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की पर सभी श्रद्धालु काफी देर तक झूमते व थिरकते रहे. श्रीकृष्ण-जन्मोत्सव कार्यक्रम को लेकर कथा पंडाल को गुब्बारे व फूल-माला से आकर्षक ढंग से सजाया गया था.इस दौरान आचार्य ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर व्याख्यान किया. कथावाचक ने कहा कि जब-जब अत्याचार, अनाचार व अन्याय बढा है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। अत्याचार को समाप्त कर धर्म की स्थापना को लेकर ही प्रभु का अलग-अलग रूपों में अवतार होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड दी, तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ. कथा के दौरान बासुदेव, यशोदा व श्रीकृष्ण के बाल-रूप की झांकी देख सभी श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए नृत्य करने लगे. प्रवचन के क्रम में कथावाचक ने कहा कि जीवन में अच्छे रास्ते पर जाना है, तो संकल्प लेना जरूरी है. हर बच्चे को अपने माता-पिता व गुरू की बातों को मानना चाहिए. जिन बच्चों के उपर माता-पिता का आशीर्वाद है, उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त है. हर एक माता-पिता को चाहिए कि अपने साथ बच्चों को भागवत कथा, सत्संग, कीर्तन में जरूर साथ लाएं. धर्म की कथा सुनने से बच्चों में अच्छी संस्कार आती है.वहीं सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के आयोजन से कस्बे के मुहल्ला बाबा का पुर्वा में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। भागवत कथा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक चल रही है। मंदिर के महंत ने क्षेत्रीय लोगों से अपील की ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर भागवत कथा का रसपान करे और पुण्य के भागीदार बनें।